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Writer's pictureArchana Anupriya

"सफाई"

ये कचरा नहीं है दिमाग में

सब पुरानी यादों के जाले हैं 

उलझा कर रखा करते थे जो 

उन्हें साफ करके निकाले हैं.. 


स्वच्छता केवल घर की नहीं 

अपने मन की भी करनी होगी 

राम तभी आएँगे हमारे मन में 

हृदय में शुद्धता भरनी होगी.. 


पुरानी यादें,नफरत का जज्बा 

और मैल मन के निकालने होंगे 

जकड़कर रखते हैं ये विचारों को 

जमे पुराने सभी गर्दे झाड़ने होंगे.. 


स्वच्छ मन और स्वच्छ विचार 

शुद्ध वचन और कर्म बनाते हैं 

साफ नीयत और प्रेम भाव ही 

जीवन में आशा दीप जलाते हैं..

            © अर्चना अनुप्रिया

 

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