कोशिश तो बहुत की
कुदरत ने सफेद बर्फ की चादर से
इंसानों की कालिमा ढकने की
पर बर्फ थी कि जाकर
इंसानी दिलों में जम गयी
खामोश हो गए अहसास,अल्फाज
पत्थर होने लगा इंसान
पर एक कोना कोमल सा
रहा अछूता बर्फीली चादर से
ढूंढता रहा प्यार की गर्मी
उन बर्फीली चट्टानों में
सुनहली उम्मीदों की किरणें पड़ीं
पिघलने लगे बर्फीले अहसास
मौसम ने रुख बदल लिया अपना
बर्फीली चादर से निकल आया फिर
भावनाओं में पिघलता इन्सान..
©अर्चना अनुप्रिया
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